Hanuman Chalisa (Lyrics) का पाठ जो भी रोजाना करते है वो सारे दुखो से दूर रहते है ! हनुमान चालीसा (Lyrics) पढने से हनुमान जी के साथ भगवान राम और शिव जी की कृपा सदैव बनी रहती है !
भगवान राम को यदि खुश रखना चाहते है, और उनकी सदा आप पर कृपा बनी रहे तो आपको हनुमान चालीसा (Lyrics) का पाठ 108 बार जरुर पढना चाहिए !
वैसे तो Hanuman Chalisa (Lyrics) का पाठ हरेक दिन कर सकते है लेकिन मंगलवार और शनिवार को करने से हनुमान जी बहोत ही ज्यादा प्रसन्न होते है !
इस लेख में हमने आपको Hanuman Chalisa Lyrics (Pdf) का अर्थ भी दिया है जिस से पूजनीय हनुमान जी के बारे में आपको बहोत ही सरल भाषा में समझ आये !
Hanuman Chalisa Lyrics
।। दोहा ।।
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।१।
अर्थ– श्री गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं गुरु महाराज के चरण कमलों की दूरी से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवर के निर्मल व्यस्त का वर्णन करता हूं जो चारों फल धर्म अर्थ काम और मोक्ष को लेने वाला है!
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।२।
अर्थ– हे पवन कुमार मैं आपको सुमिरन करता हूं ! आप तो जानते हैं कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है ! मुझे शारीरिक बल, सद्बुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुखों व दोषों का नाश कर दीजिए !
|| चौपाई: ||
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।१।
अर्थ– श्री हनुमान जी ! आप की सदा ही जय हो ! आपका ज्ञान और गुण अथाह है ! हे कपीश्वर ! आपकी सदा ही जय हो ! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है !
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।२।
अर्थ– हे पवनसुत अंजनी नंदन ! आपके समान इस विश्व में दूसरा कोई भी बलवान नहीं है !
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।३।
अर्थ– हे महावीर बजरंग बली ! आप विशेष पराक्रम वाले हैं ! आप खराब बुद्धि को दूर करते हैं, और अच्छी बुद्धि वालों के साथी, और सहायक है !
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।४।
अर्थ– आप सुनहले रंग, सुंदर वस्त्रों, कानों में कुंडल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं !
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।५।
अर्थ– आपके हाथ में वज्र और ध्वजा है और कांधे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है !
संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।६।
अर्थ– आप भगवान शंकर के अवतार हैं ! हे केसरी नंदन आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर में वंदना होती है !
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।७।
अर्थ– आप प्रकांड विद्या निधान हैं, गुणवान और अत्यंत कार्य कुशल होकर श्रीराम के काज करने के लिए हमेशा आतुर रहते है !
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।८।
अर्थ– आप श्री रामचरित सुनने में आनंद रस लेते हैं ! श्री राम माता सीता और और उनके छोटे भाई लखन आपके हृदय में बसे रहते हैं !
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।९।
अर्थ– आपने अपना बहुत छोटा रूप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप धारण करके पूरी लंका को जलाया !
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।१०।
अर्थ– आप ने विकराल रूप धारण करके राक्षसों का वध किया और श्री रामचंद्र जी के उद्देश्यों को सफल कराया !
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।११।
अर्थ– आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जिलाया जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया !
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।१२।
अर्थ– श्री रामचंद्र जी ने आप की बहुत प्रशंसा की और कहा कि तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो !
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।१३।
अर्थ– श्रीराम ने आपको यह कह कर ह्रदय से लगा लिया कि तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय है !
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।१४।
अर्थ– श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनंदन, श्री संतकुमार आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आप का गुणगान करते हैं !
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।१५।
अर्थ– यमराज, कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवि विद्वान, पंडित या कोई भी आपके यश का पूर्णत वर्णन नहीं कर सकते !
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।१६।
अर्थ– आपने सुग्रीव जी को श्रीराम से मिलाकर उपकार किया, जिसके कारण वे राजा बने !
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।१७।
अर्थ– आप के उपदेश का विभिषण जी ने पालन किया जिससे वे लंका के राजा बने, इसको सब संसार जानता है !
जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।१८।
अर्थ– जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है कि उस पर पहुंचने के लिए हजार युग लगे ! दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझकर निकल लिया !
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।१९।
अर्थ– आपने श्री रामचंद्र जी की अंगूठी मुंह में रखकर समुद्र को लाँघ लिया, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है !
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।२०।
अर्थ– संसार में जितने भी कठिन से कठिन काम हो, वह आपकी कृपा से काफी सहज हो जाते हैं !
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।२१।
अर्थ– श्री रामचंद्र जी के द्वार के आप रखवाले हैं, जिसमें आपकी आज्ञा के बिना किसी को प्रवेश नहीं मिलता अर्थात आपकी प्रसन्नता के बिना राम कृपा दुर्लभ है !
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।२२।
अर्थ– जो भी आप की शरण में आते हैं, उन सभी को आनंद प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता है !
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।२३।
अर्थ– आपके सिवाय आपके वेग को कोई नहीं रोक सकता, आपकी गर्जना से तीनो लोक कांप पर जाते हैं !
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।२४।
अर्थ– जहां महावीर हनुमान जी का नाम सुनाया जाता है, वहां भूत, पिशाच पास भी नहीं फटक सकते है !
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।२५।
अर्थ– वीर हनुमान जी आपका निरंतर जप करने से सब रोग चले जाते हैं और सब पीड़ा मिट जाती हैं !
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।२६।
अर्थ– हे हनुमान जी ! विचार करने में, कर्म करने में और बोलने में, जिनका ध्यान आपमें रहता है उनको सब संकटों से आप छुडाते हैं !
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।२७।
अर्थ– तपस्वी राजा श्री रामचंद्र जी सबसे श्रेष्ठ है, उनके सब कार्यों को आपने सहज में कर दिया !
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।२८।
अर्थ– जिस पर आपकी कृपा हो, वह कोई भी अभिलाषा करे तो उसे ऐसा फल मिलता है जिसकी जीवन में कोई सीमा नहीं होती है !
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।२९।
अर्थ– चारों युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर तथा कलयुग में आपका यश फैला हुआ है, जगत में आपकी कृति सर्वत्र प्रकाशमान है !
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।३०।
अर्थ– श्रीराम के दुलारे ! आप सज्जनों की रक्षा करते हैं और दुष्टों का नाश करते हैं !
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।३१।
अर्थ– आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ है, जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते हैं !
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।३२।
अर्थ– आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण में रहते हैं, जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है !
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।३३।
अर्थ– आपका भजन करने से श्रीराम जी प्राप्त होते हैं और जन्म जन्मांतर के दुख दूर होते हैं !
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।३४।
अर्थ– अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम को जाते हैं और यदि फिर भी जन्म लेंगे तो भक्ति करेंगे और राम भक्त कहलायेंगे !
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।३५।
अर्थ– हे हनुमान जी ! आपकी सेवा करने से सब प्रकार के सुख मिलते हैं, फिर अन्य किसी देवता की आवश्यकता नहीं रहती !
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।३६।
अर्थ– हे वीर हनुमान जी ! जो आपका सुमिरन करता है, उसके सब संकट कट जाते हैं और सब पीड़ा मिटजाती है !
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।३७।
अर्थ– हे स्वामी हनुमान जी ! आपकी जय हो, जय हो, जय हो ! आप मुझ पर कृपालु श्री गुरु जी के समान कृपा कीजिए !
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।३८।
अर्थ– जो कोई इस हनुमान चालीसा को सौ बार पाठ करेगा वह सब बंधनों से छूट जाएगा और उसे परमानंद मिलेगा !
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।३९।
अर्थ– भगवान शंकर ने जय Hanuman Chalisa Lyrics लिखवाया, इसलिए वे साक्षी है, की जो इसे पढ़ेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी !
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।४०।
अर्थ– हे नाथ हनुमान जी ! तुलसीदास सदा ही श्रीराम का दास है ! इसलिए आप उसके हृदय में निवास कीजिए !
|| दोहा: ||
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
अर्थ– हे संकट मोचन पवन कुमार ! आप आनंद मंगलों के स्वरूप है ! हे देवराज ! आप श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय में निवास कीजिए !
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(Hanuman Chalisa Lyrics) हनुमान चालीसा 1 दिन में कितनी बार पढना चाहिए ?
हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी खुश हो जाते है यदि आप Hanuman Chalisa Lyrics 100 बार पढ़ते है तो इस से ज्यादा लाभ होता है आपके सारे दुःख दर्द दूर हो जाते है और आपका मन भी शांत रहता है !
हनुमान चालीसा में १ चौपाई में कहा गया है “जो सत बार पाठ कर कोई छुटही बंदी महा सुख होई” !!
जो व्यक्ति हनुमान चालीसा पाठ का 100 बार स्मरण करता है उसके सारे विघ्न को हनुमान जी हर लेते है ! हनुमान चालीसा का पाठ १ दिन में कम से कम 3 बार से ले कर 108 बार कर सकते है !
(Hanuman Chalisa Lyrics) हनुमान चालीसा पढ़ने का सही टाइम क्या है?
हनुमान चालीसा का पाठ आप सुबह या शाम किसी भी समय कर सकते है , लेकिन मंगल बार और शनिवार को हनुमान जी का पाठ जरुर करना चाहिए !
(Hanuman Chalisa Lyrics) हनुमान चालीसा पढने के फायदे ?
जिन लोगो को बुरे सपने और बुरे ख्याल आते है उनलोगों को Hanuman Chalisa Lyrics का पाठ करने से बुरे सपने और बुरे ख्याल आना बंद हो जाते है उनका जीवन सुखमय हो जाता है !
श्री हनुमान जी आपकी सारी बाधाओं को दूर करते है जिस से की आप तनाव में नही रहते है !
जब कही आप यात्रा करते है उस समय हनुमान चालीसा का पाठ आप करते है तो होने वाली दुर्घटना से भी हनुमान जी आपकी रक्षा करते है !
(Hanuman Chalisa Lyrics) हनुमान चालीसा का पाठ मंगलवार और शनिवार के दिन करने से क्या लाभ होते है ?
श्री हनुमान चालीसा का पाठ मंगलवार को करने से हनुमान जी अति प्रसन्न होते है, क्यों की हनुमान जी का जन्म मंगलवार के दिन हुआ था और इस दिन को मंगल यानि की पावन दिन भी माना जाता है !
जिन लोगो के कुंडली में शनी का दोष होता है उन्हें हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि के दोष खत्म हो जाते है ! भगवान शनि श्री हनुमान जी से काफी भय मानते है !
ऐसा हिन्दू ग्रन्थ में लिखा है की हनुमान आराधना करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है और शनी का दोष आपके कुंडली से ख़त्म हो जाता है !
हनुमान जी के कौन से पैर का सिंदूर लगाना चाहिए ?
हनुमान जी को लाल रंग बहोत ही पसंद है, इसलिये उन्हें लाल सिंदूर उनके पैरो पे चढ़ाया जाता है ! हनुमान जी के दोनों पैरो में लाल सिंदूर को चढ़ाना चाहिए फिर अपने माथे पे लगाये इस से हनुमान जी आपके मन को शांत रखते है और आपको सद्बुद्धि प्रदान करते है !
(Hanuman Chalisa Lyrics) हनुमान चालीसा को 7 बार पढ़ने से क्या होता है?
हनुमान चालीसा का पाठ करने से आप में नकारात्मक विचार आने बंद हो जाते है और शनि का प्रभाव भी कम हो जाता है ! रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ 7 बार करने से अपके घर सुख समृद्धि बनी रहती है और चुनौतियों का डट कर सामना करने की ताकत प्रदान करता है !
(Hanuman Chalisa Lyrics) हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद क्या नहीं करना चाहिए ?
श्री हनुमान जी का पाठ करने के बाद मदिरा पान या मांस का सेवन नही करना चाहिए ! शराब या मांस श्री हनुमान जो को बिलकुल भी पसंद नही है ! जो लोग Hanuman Chalisa Lyrics का पाठ करें उन्हें इन सब चीजों का सेवन नही करनी चाहिए , इस से हनुमान जी नाराज हो जाते है !
महिलाओं को हनुमान जी की पूजा क्यों नहीं करनी चाहिए ?
हनुमान जी बालब्रम्ह्चारी थे इसलिए कोई भी महिला उन्हें छू नही सकती ! हनुमान जी माँ सीता को अपनी माँ मानते थे इस लिये सभी महिला को वो माँ के समान मानते है !
यदि कोई महिला हनुमान जी का पूजन करती है तो उन्हें कुछ नियम जरुर पालन करना चाहिए !किसी भी महिला को हनुमान जी को जल या वस्त्र नही अर्पण करना चाहिए, यदि वो ऐसा करती है तो इस से हनुमान जी का अपमान होता है क्योंकि वो बालब्रम्ह्चारी थे !
ऐसा कहा जाता है की महिलाओं को कभी भी हनुमान जी पैर नही छूना चाहिए ! वैसी महिलाएं जो हनुमान जी का व्रत रखती है और उन्हें पीरियड्स आ जाता है तो उन्हें व्रत नही रखना चाहिए !
बजरंगबली को कौन से तेल का दीपक जलाना चाहिए ?
बजरंगबली की पूजा लगातार 40 दिनों तक विधि विधान से करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होती है ! हनुमान जी के पूजन में आपको सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए, इस से श्री हनुमान जी बहोत ही ज्यादा प्रसन्न होते है !
1 दिन में 100 बार हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa Lyrics) पढ़ने से क्या होता है?
श्री हनुमान जी बहोत ही बलशाली है ! आप यदि हनुमान चालीसा का पाठ १ दिन में 100 बार करते है तो हर तरह के बंधन से मुक्त हो जाते है ! आपके जो भी शत्रु है वो हनुमान जी की कृपा से परस्त हो जाते है !
आप नित्य दिन Hanuman Chalisa Lyrics का पाठ करते है तो घर का कलह और शारीरिक और मानसिक रोग ख़त्म हो जाते है ! आप में आध्यात्मिक मनोबल बढ़ता है और आप में पवित्र विचार आते है ! अप में भय, तनाव की भावना नही आती है, आप खुद को निरोग महसूस करेंगे !
श्री हनुमान चालीसा का पाठ 100 बार करने से बुरे ग्रहों के प्रभाव कम हो जाते है ! भुत पिशाच का भय आप के अंदर का खत्म हो जाता है और हनुमान जी आपके सारे पीड़ा और क्लेश को हर लेते है !
राम भक्त हनुमान की पूजा करने से प्रभु श्री राम भी बहोत खुश होते है क्योंकि प्रभु श्री राम जी के सब से प्रिय भक्त हनुमान जी है !
(Hanuman Chalisa Lyrics) हनुमान चालीसा को सुबह 4:00 बजे पढ़ने से क्या होता है?
हनुमान चालीसा, हिंदू पौराणिक कथाओं में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले भगवान श्री हनुमान जी को समर्पित एक पवित्र हरिवंश पुराण है। इसे सुबह के समय 4:00 बजे पढ़ने का अद्वितीय महत्व और आशीर्वाद माना जाता है।
इस अभ्यास के पीछे स्पिरिचुअल, मानसिक और वैज्ञानिक महत्व है। सुबह 4:00 बजे हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa Lyrics) पढ़ने का आध्यात्मिक लाभ कई होते हैं।
इस समय को ब्रह्मा मुहूर्त के रूप में जाना जाता है, जो आध्यात्मिक अभ्यास के लिए बहुत ही शुभ और उपयुक्त माना जाता है।
सुबह के 4:00 ब्रम्हमुहूर्त माना जाता है इस समय वातावरण शांत रहता है और आपका मन शांत और तनाव से मुक्त होता है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपकी मनःस्थिति और ध्यान केंद्रित होता है।
जो भी व्यक्ति पाठ करता है उसमे जागरूकता, तत्परता का अनुभव होना शुरू हो जाता है। सुबह समय 4:00 बजे हनुमान चालीसा
(Hanuman Chalisa Lyrics) पढ़ने से यह माना जाता है कि देवी ऊर्जा का निदान होता है और संरक्षण मिलता है।
सुबह ४ बजे का समय जाप करने से उत्पन्न तरंगें आकाशीय ऊर्जा के साथ मेल खाती हैं, जो की नकारात्मक प्रभावों के खिलाफ एक कवच बनाती है और आपके दिन की शुरुआत में सकारात्मकता प्रभाव डालती है।
हनुमान चालीसा का पाठ करने करने से आपके सारे अवरोध और चुनौतियां समाप्त हो जाती है।
सुबह के समय 4:00 बजे हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa Lyrics) का जाप करने से व्यक्ति हनुमान जी की कृपा और सहायता की आशीर्वाद मांगता है, जो उसे मुश्किलों का सामना करने, समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
ऐसा माना जाता है कि हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa Lyrics) को सुबह 4:00 बजे पढ़ने से आध्यात्मिक, मानसिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह एक गहरा अनुभव प्रदान करता है।
चाहे आप आध्यात्मिक विकास, भावनात्मक सुख, या मानसिक सुधार की तलाश में हों, हनुमान चालीसा को इस विशेष समय पर पढ़ना एक महत्वपूर्ण अनुभव हो सकता है।
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