दुर्गा चालीसा का पाठ प्रतिदिन करने से हमें माँ दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होती है जिस से कि हमारे जीवन में अद्भुत परिवर्तन होता है।
दुर्गा चालीसा का पाठ जो भी करता है उस के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और उसे मानसिक और शारीरिक कोई भी परेशानी नहीं होती है।
इस लेख में, हम दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa) के महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे !
जो भी भक्त सच्चे मन से दुर्गा पाठ करता है उसे माँ दुर्गा अद्भुत शक्ति प्रदान करती है और उसे भय, चिंता और संकट से मुक्ति दिला देती है।
दुर्गा माँ का पाठ करने से हमें सभी प्रकार की संकट से निजात मिलती है और हमारे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
Durga Chalisa Lyrics (Hindi)
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥
तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर खड्ग विराजै। जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहुंलोक में डंका बाजत॥
शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे। रक्तबीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ संतन पर जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥
अमरपुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी। योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो। काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप का मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावें। रिपू मुरख मौही डरपावे॥
शत्रु नाश कीजै महारानी। सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला। ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।
जब लगि जिऊं दया फल पाऊं । तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ॥
दुर्गा चालीसा जो कोई गावै। सब सुख भोग परमपद पावै॥
देवीदास शरण निज जानी। करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
॥ इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥
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दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa) के पाठ करने की सही विधि
दुर्गा चालीसा का पाठ करने से पहले जरूर स्नान करना चाहिए स्नान करना शुभ माना जाता है, देवी- देवताओ के पूजा करने से पहले और स्नान करने से शरीर और मन में ताजगी महसूस होती हैं और आध्यात्मिकता में स्थिरता आ जाती है।
आप दुर्गा चालीसा का पाठ जंहा भी करे वो शांत और पवित्र स्थान होना चाहिए । जैसे की पूजा कक्ष या मंदिर या अपने घर में बने मंदिर में कर सकते हैं।
दुर्गा चालीसा का पाठ निरंतर और ध्यानपूर्वक करें। आप इसे स्वयं भी पाठ कर सकते हैं या पंडित को बुला कर उनसे पाठ करवा सकते हैं।
दुर्गा चालीसा का पाठ करने का सही समय अपनी सुविधा के अनुसार रखे । आप दुर्गा चालीसा के पाठ को सुबह के समय या शाम के समय कर सकते है ।
दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa)का पाठ जब भी खत्म जाये , फिर आपको पूर्णाहुति जरूर करना चाहिए । इससे माता दुर्गा को काफी प्रसन्नता होती है और आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
दुर्गा चालीसा का पाठ पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ करें। इस से माँ दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होती है ! आपको अपनी पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ दुर्गा चालीसा के मंत्र उच्चारण करना चाहिए ।
दुर्गा चालीसा को सही विधि से जप करने से हमे आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्राप्त होती हैं !
जो भी भक्त माँ दुर्गा की पाठ सही विधि और नियमित रूप से करते है उन्हें जीवन में सुख, समृद्धि और शुभ समाचार आती हैं।
मां दुर्गा को प्रसन्न कैसे करें ?
माँ दुर्गा की पूजा अर्चना करने से सारे विघ्न पल भर में दूर जाते है ! नौरात्री के 9 दिन तक पूजा करना चाहिए इस से माँ दुर्गा अति प्रसन्न होती है इस समय 9 दिनों तक माँ दुर्गा जी नाम की ज्योति जरूर जलाये !
आप लाल रंग के वस्त्र को धारण करे फिर जब भी आप पूजा शुरू करते है तो इस मन्त्र का जाप जरूर करें –
मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’ !
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मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन सा है ?
माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए विधि – विधान से पूजन करना जरुरी है ! सब से शक्तिशाली मन्त्र की बात करें तो निचे लिखे मन्त्र का आपको जरूर जाप करना चाहिए –
‘सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके, शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते‘.
ऐसी मान्यता है की इस मंत्र का जाप करने मात्र से माँ अंम्बे की पूजा सफल होती है !
आप कितनी बार दुर्गा मंत्र का जाप करते हैं ?
माँ दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa) का पाठ सभी दिन कर सकते है लेकिन शुक्रवार के दिन पाठ करते है तो ऐसी मान्यता है की यह दिन माँ दुर्गा के पूजन के लिए सबसे अच्छा दिन माना जाता है ! दुर्गा चालीसा का पाठ 108 बार करने से सारे दुःख विघ्न दूर हो जाते है !
मां दुर्गा को कौन सा फल पसंद है ?
माँ दुर्गा को फलों में सेब ज्यादा पसंद है इसलिए आप सेब का भोग जरूर लगाए और साथ में पान -सुपारी भी जरूर चढ़ाये ! ऐसा करने से माँ दुर्गा प्रसन्न हो जाती है !
दुर्गा मां को क्या क्या चढ़ाना चाहिए ?
माँ दुर्गा की पूजा में शाश्त्रो के अनुसार कमल, गुड़हल, गुलाब, गेंदा के फूल चढ़ाना चाहिए ! पूजा के समय धुप – दिप जरूर जलाये इस से पूजा में शुद्धी भीहोती है और वातावरण आनंदमयी भी हो जाता है !
कुछ चीज़े है जिन्हे पूजा में शामिल नहीं करना चाहिए जैसे की कनेर, धतूरा और मदार के पुष्प इन सभी चीज़ो को वर्जित माना गया हैं !
देवी दुर्गा को कौन सी मिठाई चढ़ाएं ?
दुर्गा माता के पूजन में मिठाई की बात करें तो दूध की खीर बना कर भोग लगा सकते है ! इस से माता प्रसन्नः होती है क्यों की खीर दुर्गा जी को बहोत पसंद है ऐसा शाश्त्रो में लिखा है!
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Conclusion
इस प्रकार, दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa) का पाठ जो कोई भक्त करता है उसे माँ दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होती हैं और माता के आशीर्वाद मात्र से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
दुर्गा चालीसा का पाठ पढ़ने से हमें शक्ति, सुख, समृद्धि और सद्गति की प्राप्ति होती है। हमारे मन में आने वाले सभी दुःख और बाधाएं दूर हो जाती हैं और हमारा जीवन सुखमय और आसान बन जाता है।
माँ दुर्गा हमें शक्ति, साहस और बल प्रदान करती हैं और हमें अपने अधिकारिता का अनुभव कराती हैं।
दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa) पढ़ने से हमारे मन को शुद्ध मिलती है और हमारा ध्यान स्थिर रहकर माँ की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करता हैं।
जय माँ दुर्गे !