Bajrang Baan : एक महान मंत्र जो आपके जीवन में बदलाव लाएगा

बजरंग बाण हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए  एक पावन और प्रसिद्ध मंत्र है। इस मंत्र का पाठ करने से भक्तो के सारे  दुःख दूर हो जाते  हैं और उन्हें शक्ति और संतुलन की प्राप्ति होती है।

इस लेख में, हम बजरंग बाण (Bajrang Baan) के महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा  करेंगे !

Bajrang Baan का सरल अर्थ है “वज्र की तरह कठोर”। यह मंत्र श्री बजरंगबली को समर्पित है , जो कि हनुमान जी के एक अवतार के रूप में जाने जाते हैं, और यह मंत्र शक्ति को दर्शाता है।

बजरंग बाण को सही तरीके से जाप करने से भक्त अपनी अंतर्मन को शुद्ध करके अपनी  समस्याओं को दूर कर सकते हैं और अपने जीवन में सफलता की अनुभूति  कर सकते हैं।

बजरंग बाण पढ़ने से  भक्त को आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है और उन्हें श्री हनुमान जी के करीब महसूस करने की अनुभूति भी होती है।

बजरंग बाण का पाठ क्यों करना चाहिए ?

Bajrang Baan के पाठ करने के  कई  महत्वपूर्ण कारण है –

कि दुःखों और बुराईयों से मुक्ति पाने की इच्छा। जीवन में अकस्मात आने वाले कठिनाईयों और संकटों के सामने हम अक्सर हिम्मत खो देते हैं और आत्मविश्वास गँवा देते हैं।

बजरंग बाण  मंत्र का पाठ करने से हम अपनी मानसिक शक्ति बढ़ाते हैं और अपने जीवन में पुनः संतुलन को स्थापित करते हैं।

यह मंत्र हमें भूत  प्रेतों  से बचाकर प्रकृति और भगवान् के साथ एक समन्वय  बनाने की शक्ति देता है।

बजरंग बाण  मंत्र हनुमान जी की महिमा, शक्ति, और वीरता को समर्पित  करता है। इस मन्त्र का  नाम “बजरंग बाण” इसलिए है क्योंकि यह एक प्रकार की आधिकारिक प्रार्थना है जो हनुमान जी को पठाई जाती है।

इस मंत्र को पठने से मन में शक्ति का संचार होता है और आत्मविश्वास मिलता है।

बजरंग बाण के पाठ से हम अपनी आत्मा को प्रेरित करते हैं और संकटों और कठिनाइयों को पार करने के लिए उद्यमशीलता को जगाते हैं।

बजरंग बाण पाठ

|| दोहा ||

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

|| चौपाई ||

जय हनुमंत संत हितकारी।
सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥

जन के काज बिलंब न कीजै।
आतुर दौरि महा सुख दीजै॥

जैसे कूदि सिंधु महिपारा।
सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥

आगे जाय लंकिनी रोका।
मारेहु लात गई सुरलोका॥

जाय बिभीषन को सुख दीन्हा।
सीता निरखि परमपद लीन्हा॥

बाग उजारि सिंधु महँ बोरा।
अति आतुर जमकातर तोरा॥

अक्षय कुमार मारि संहारा।
लूम लपेटि लंक को जारा॥

लाह समान लंक जरि गई।
जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥

अब बिलंब केहि कारन स्वामी।
कृपा करहु उर अंतरयामी॥

जय जय लखन प्रान के दाता।
आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥

जै हनुमान जयति बल-सागर।
सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥

ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले।
बैरिहि मारु बज्र की कीले॥

ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा।
ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥

जय अंजनि कुमार बलवंता।
शंकरसुवन बीर हनुमंता॥

बदन कराल काल-कुल-घालक।
राम सहाय सदा प्रतिपालक॥

भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर।
अगिन बेताल काल मारी मर॥

इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की।
राखु नाथ मरजाद नाम की॥

सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै।
राम दूत धरु मारु धाइ कै॥

जय जय जय हनुमंत अगाधा।
दुख पावत जन केहि अपराधा॥

पूजा जप तप नेम अचारा।
नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥

बन उपबन मग गिरि गृह माहीं।
तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥

जनकसुता हरि दास कहावौ।
ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥

जै जै जै धुनि होत अकासा।
सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥

चरन पकरि, कर जोरि मनावौं।
यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥

उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई।
पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥

ॐ चं चं चं चं चपल चलंता।
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥

ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल।
ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥

अपने जन को तुरत उबारौ।
सुमिरत होय आनंद हमारौ॥

यह बजरंग-बाण जेहि मारै।
ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥

पाठ करै बजरंग-बाण की।
हनुमत रक्षा करै प्रान की॥

यह बजरंग बाण जो जापैं।
तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥

धूप देय जो जपै हमेसा।
ताके तन नहिं रहै कलेसा॥

|| दोहा ||

उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥

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बजरंग बाण पाठ के लाभ

Bajrang Baan का जो भी जाप करते है उन्हें  बहुत सारे लाभ मिलते  हैं। बजरंग बाण श्री हनुमान जी की एक प्रमुख आराधना का मन्त्र है और इसे रोजाना  पाठ करने से भक्तों को बहोत सारे लाभ मिलते है  जैसे कि –

  • बजरंग बाण का पाठ करने से हनुमान जी के प्रति  हमारी श्रद्धा और भक्ति मजबूत होती है, जिससे हमें अधिक शक्ति और बल प्राप्त होता है। बजरंग बाण पढ़ने से मानसिक तनाव से मुक्ति प्रदान मिलती है।
  • बजरंग बाण का पाठ नियमित करने से श्री हनुमान जी हमारी रक्षा करते हैं और हमें अपने दुश्मनों और बुरी नजर से बचाने में मदद करते हैं। बजरंग बाण हमे  दिव्य सुरक्षा ताकत प्रदान करता है और हमें अशुभ घटनाओं से बचाने में सहायता करता है।
  • बजरंग बाण का पाठ करने से हमारे मन को शांति मिलती है और चिंता, दुख और संकट का समाधान हो जाता  है। इस पाठ को करने से स्थिति को स्थिर और प्रशांत बनाने में मदद करता है।
  •  बजरंग बाण का पाठ करने से हमें सफलता के मार्ग पर चलने की शक्ति मिलती है। हनुमान जी हमें व्यापारिक मामलों में भी  सहायता करते हैं और हमें अच्छे परिणाम  की प्राप्ति में मदद करते हैं।
  • बजरंग बाण का पाठ करने से हमारे शारीरिक और स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह हमारे दिल और दिमाग को मजबूत करता है, और तनाव को कम कता है  जिस से कि  हमें ऊर्जा की अनुभूति होती  है।

आप  बजरंग बाण का पाठ पूरी  श्रद्धा और नियम करेंगे , तो यह हमें शांति, सुरक्षा, और सफलता की प्राप्ति में सहायता करता  है।

बजरंग बाण में कितनी शक्ति है?

Bajrang Baan के पाठ में में  अत्यंत महत्त्वपूर्ण और अद्भुत शक्ति है। इस  पाठ को  करने और सुनने वाले को दिव्यता और ब्रह्मशक्ति का अनुभव होता  है।

जिस से  कि  हमे हनुमान जी की असीम कृपा की  प्राप्त होती है और यह धन, शक्ति सदैव हमारी सुरक्षा, सफलता और समृद्धि के लिए काम करती है।

बजरंग बाण का नियमित रूप से पाठ करने से हमारे मन, शरीर और आत्मा को नई ऊर्जा और संतुलन मिलता है, जो हमें अपार शक्ति और समर्पण का अनुभव कराता है।

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बजरंग बाण का पाठ करने की सही विधि क्या  है ?

बजरंग बाण पाठ की शुरुआत करने के पहले  हनुमान जी के प्रति समर्पण  व्यक्त जरूर करें इस के लिए इस मंत्र का उच्चारण जरूर करें:

“श्री गुरुचरण सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।

बरनउँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥”

फिर Bajrang Baan पाठ को ध्यानपूर्वक और श्रद्धापूर्वक पढ़े  । इसके लिए एक शांत और पवित्र स्थान पर बैठें और मन से शुद्धता और श्रद्धा के साथ बजरंग बाण का  पाठ करें।

यदि आप बजरंग बाण सुनना चाहते हैं, तो संगीत प्लेयर या मोबाइल का उपयोग करके भी सुन सकते हैं।

बजरंग बाण पाठ को समाप्त करते समय आप इस  मंत्र का उच्चारण जरूर करें:

“मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ।

वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥”

जो व्यक्ति Bajrang Baan पाठ नियमित रूप से करता है उसे  हनुमान जी की कृपा प्राप्त हो जाती  हैं और उनकी शक्ति, सुरक्षा और सामर्थ्य का आनंद उठा सकते हैं।

बजरंग बाण  का पाठ करने से आपके शारीरिक और मानसिक विकास को नई सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

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बजरंग बाण का पाठ कब करना चाहिए?

बजरंग बाण का पाठ करने का कोई भी समय निर्धारित नहीं है आप किसी भी समय Bajrang Baan के पाठ को कर सकते हैं, 

Bajrang Baanका पाठ यदि आप सुबह उठकर करते है तो दिन की शुरुआत हनुमान जी की कृपा और सुरक्षा के साथ होती है । जिस से की  आपको ऊर्जावान और सक्रिय बनाने में काफी मदद कर सकता है।

यदि आप शाम के समय बजरंग बाण का पाठ  करते है तो  इससे आपके दिन के सभी  कामो  में सफलता मिलती है ! और  यह आपकी मानसिक शांति और ध्यान को केंद्रित करने में काफी  मदद करता है।

Bajrang Baan का पाठ आप  विशेष अवसर पर करते  है, जैसे कि हनुमान जयंती हो , राम नवमी हो , दिवाली हो तो आपको  बजरंग बाण का पाठ करने से आपको अधिक आनंद, शक्ति और हनुमान जी का आशीर्वाद मिल सकता है।

वैसे तो  बजरंग बाण का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए ! आप किसी भी समय  बजरंग बाण के पाठ को कर सकते है । आप अपने मन, शरीर और आत्मा की सही स्थिति के अनुसार इसका पाठ कर सकते है !